GAU MATA KI KAHANI

                                                     गाय को माता क्यों कहा जाता है ?

दोस्तों , 

            मैं आपकी दोस्त आज आपको ये बताने जा रही हूँ की हिन्दू गाय को माता क्यों बोलते है। 


1 . गाय माता जिस जगह खड़ी रहकर आनंदपूर्वक चैन की सांस लेती है उस जगह से वास्तु दोष दूर हो जाते है।  

२. ऐसा माना जाता है की गाय के गोबर से बने उपलों से रोजाना घर, दूकान और मंदिर परिसर में धुप करने से वातावरण शुद्ध होता है।  

3. काली गाय की पूजा करने से नौ ग्रहों की पीड़ा शांत होती है जो ध्यान पूर्वक धर्म के साथ गाय की सेवा कर ता है उनको शत्रु दोषों से छुटकारा मिलता है और उस पर आने वाली सभी प्रकार की विपदाओं को गौ माता हर लेती है।  

4. गाय को इस धरती पर साक्षात देव स्वरुप माना जाता है।  गाय के खुर्र में नागदेवता , गोबर में लक्समी जी ,मूत्र में गंगा जी का वास होता है जबकि गौ माता के एक आँख में सूर्य व दूसरी आँख में चंद्र देव का वास होता है।  

5. गाय माता की पूंछ में हनुमान जी का वास होता है किसी व्यक्ति को बुरी नज़र लग जाए तो गौ माता की पूंछ से झाड़ा लगाने पर नज़र उतर जाती है।  

6. ऐसा कहा जाता है की कोई भी अटका हुआ कार्य हो जो बार -बार प्रयास करने पर भी नहीं सफल हो रहा हो ,तो गाय के कान में अपनी परेशानी कहने से रुका हुआ काम बनने लगता है। 

7. गाय को जगत जननी कहा जाता है उसे पृथ्वी का रूप भी माना जाता है इसलिए गाय के चारो चरणों के बीच से निकल कर परिक्रमा करने से इंसान भय मुक्त हो जाता है। गौ माता की सेवा परिक्रमा करने से सभी तीर्थो के पुण्यो का लाभ मिलता है। 

८. अगर आपकी भाग्य सोइ हुई है तो आप अपने हथेली पर गुड़ रखकर गाय को खिलाए और यदि गाय उसको खा लेती है तो समझिए की आपका सोया हुआ भाग्य जग जाएगा। 

9 . तन-मन -धन से कोई व्यक्ति जितना ही गाय की सेवा करता है उसे स्वर्ग में वास मिलता है और जो व्यक्ति घर पर रखकर गाय की सेवा करता है उसकी अकाल मृत्यु कभी नहीं होती है।  

                                                      दादी माँ की कहानी 

                                                  मैं अपने दादी माँ की कहानी बताने जा रही हूँ ,मेरी दादी को त्वचा की परेशानी आ गई थी।  उनके त्वचा पर अजीब से RASHES होने लगे थे।  उनको कई सारे DOCTORS को दिखाया गया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।  कितने पैसे लग गए ,कितने बड़े -बड़े डॉक्टरों को दिखाया गया लेकिन कोई भी फायदा नहीं हुआ।  हम लोग बिलकुल परेशांन हो गए ,फिर हम एक पंडित जी के पास गइ उनको बताया गया तो उन्होंने ने बोलै की गौ मूत्र पिने के लिए। 

गौमूत्र पिने से सारी परेशानिया दूर हो जाएंगी और गोबर को हाथ ,पैर पर लगाने से सारे रोग दूर हो जाएंगे फिर हमने वही किया।  और दादी भी रोज गौ मूत्र पिने लगी ,और गोबर को हाथ पैर पर लगाने लगी फिर देखते-देखते दादी बिलकुल सही हो गई। और तो और दादी दूध भी गाय का पिने लगी और घी को बालो पर लगाने लगी और चेहरे पर भी।  

और फिर एक दिन अचानक से ही हँसते -हँसते दादी भगवान् के पास चली गई। कोई भी दुःख -दर्द कुछ भी नहीं हुआ किसी को पता भी नहीं चला की प्राण कैसे निकल गया।  

यह भी मान्यता है की जब गाय पहला बछड़ा जन्म देती है तो गाय का जो पहला दूध होता है उसको यदि बाँझ स्त्री को पीला दिया जाय तो उसका बांझपन दूर हो जाएगा।  

अगर किसी के घर में गौ माता निवास करती है तो उस घर में  कभी भी  नकारात्मक चीजे प्रवेश नहीं कर सकती। 

दोस्तों ,अगर आपको गौ माता के बारे में और जानना हो तो COMMENT करे।  

धन्यवाद 

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