आरती जय जगदीश हरे
🙏 आरती जय जगदीश हरे 🙏
- ॐ जय जगदीश हरे , स्वामी जय जगदीश हरे।
- भक्त जनों के संकट , क्षण में दूर करें।
- ॐ जय . .........
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- जो ध्यावे फल पावे , दुःख विनसे मन का।
- सुख - संपत्ति घर आवे , कष्ट मिटे तन का।
- ॐ जय . .........
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- माता - पिता तुम मेरे , शरण गहूं मैं किसकी।
- तुम बिन और न दूजा आस करूँ जिसकी।
- ॐ जय . ...
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- तुम पुरण परमात्मा।, तुम अंतर्यामी।
- पारब्रम्ह परमेश्वर , तुम सबके स्वामी।
- ॐ जय . .........
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- तुम करुणा के सागर , तुम पालन करता।
- मैं मूरख खल्कामी , कृपा करो भरता।
- ॐ जय . .........
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- तुम हो एक अगोचर , सबके प्राणपति।
- किस विधि मिलूं दयामय , तुमको मैं कुमति।
- ॐ जय . .........
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- दीन - बंधू दुःख हरता , तुम ठाकुर मेरे।
- अपने हाथ उठाओ , द्वार पड़ा तेरे।
- ॐ जय . .........
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- विषय विकार मिटाओ , पाप हरो देवा।
- श्रद्धा - भक्ति बढ़ाओ , संतन की सेवा।
- ॐ जय . .........
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- श्री जगदीश जी की आरती , जो कोई जन गावे।
- कहत शिवा नन्द स्वामी , सुख संपत्ति पावे।
- ॐ जय . .........
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