LAXMI JI KI ARTI
लक्मी जी की आरती ॐ जय लक्मी माता , मैया जय लक्मी माता। तुमको निशदिन सेवत , हर विष्णु विधाता। ॐ जय लक्मी ...... ...... उमा ,रमा , ब्रम्हाणी ,तुम ही जग माता। सूर्य , चन्द्रमा ध्यावत , नारद ऋषि गाता। ॐ जय लक्मी ...... ...... दुर्गारूप निरंजनी , सुख-सम्पति दाता। जो कोई तुमको ध्यावत ,ऋद्धि -सिद्धि धन पाता। ॐ जय लक्मी ...... ...... तुम पाताल -निवासिनी , तुम ही शुभ दाता। कर्म - प्रभाव प्रकाशिनि , भवनिधि की त्राता। ॐ जय लक्मी ...... ...... जिस घर में तुम रहती , तहँ सब सद्गुण आता। सब संभव हो जाता , मन नहीं घबराता। ॐ जय लक्मी ...... ...... तुम बिन यज्ञ न होते , वस्त्र न हो पाता। खान-पान का वैभव , सब तुमसे आता। ॐ जय लक्मी ...... ...... शुभ -गुण -मंदिर - सुंदर , क्षीरोदधि जाता। रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहीं पाता। ॐ जय लक्मी ...... ...... महालक्मी जी की आरती , जो