AURAT KA MANN

                                                           औरत का मन 


             आज मैं आपको  एक लड़की की  सच्ची कहानी बताने जा रही हूँ। जिसका नाम मीनू  है।  वह पढ़ने में बहुत होशियार थी। घर में तीन बहनो और दो भाइयो में सबसे बड़ी ,इस कारण बचपन से ही घर में जिम्मेदारी ज्यादा थी उसके ऊपर।  

मीनू नाम रखा था पापा ने बहुत ही प्यार से लेकिन अब पापा को भी चिंता रहती तीन बेटियों की ,शादी की , इसलिए वह भी अब मीनू पर ध्यान नहीं देते थे ,प्यार नहीं करते थे।  

माँ तो सारा दिन काम में इतना व्यस्त रहती की उन्हें भी समय नहीं मिलता की वह मीनू के मन की व्यथा जान सके। बाकि बहन भाइयों से अलग सी रहती थी, मीन ु बचपन से ही कम बोलने वाली संकोची स्वाभाव की थी। कभी भी अपनी बात खुलकर नहीं कह पाती थी जब पढाई का मन हो तभी माँ के साथ काम करवाना पड़ता था।  

वह डॉक्टर बनना चाहती थी लेकिन पिता जी के पास इतना पैसा नहीं था की उसे डॉक्टरी पढ़ा सके। फिर मीनू ने नया सपना देखा I.A.S OFFICER बनने का। 


खूब मेहनत की। पढ़ाई में जी जान लगाकर उसने B.A पास किया फिर COACHING में जाकर पढ़ना चाहती थी। लेकिन दुर्भाग्य ने आकर उसके रास्ते में एक और मुसीबत कड़ी कर दी। 

माँ को अचानक CANCER हो गया इस खबर से पूरा घर हिल गया ,मीनू की पढ़ाई तो छोड़ो उसका मन का सुकून ही चला गया।  अब दिन रत वह माँ की चिंता में रहने लगी। पिता जी ने जल्दी जल्दी शादी की बात करनी शुरू कर दी ताकि माँ के सामने ही बेटियों का विवाह क्र दी जाय।  बेचारी मीनू को शादी का मतलब ही नहीं पता था।  मीनू मन ही मना उदास रहने लगी , उसकी पढ़ाई छूट रही थी।  

एक दिन पिता जी ने बताया की मीनू का रिस्ता पक्का हो गया है , मीनू ने बचपन तो जिया ही नहीं क्योंकि वह बड़ी थी ,हर बात में एक ही ताना सुन -सुनकर बड़ी हुई की तुम बड़ी हो ,तुम्हे चुप रहना चाहिए।  

अब उसका विवाह होने जा रहा था उसके सभी अरमान (सपने ) दफ़न हो रहे थे किसी ने उसकी मर्जी नहीं जानी और उसकी शादी हो गई अब वह लड़की से औरत की जीवनशैली में आ गई। 

मीनू के पति तो बहुत अच्छे थे लेकिन सास बहुत ही कठोर (कड़क ) नियम वाली थी।  सुबह ४ बजे उठो और ,नहाकर चौके में जाओ और वहां पहुंचकर खाना बनाओ और रात तक चौके में ही रहो।  पति से दिनभर बात नहीं कर सकती ,रात में बात करनी है तो जागो क्योंकि पति माँ से बात करने के बाद ही उससे बात कर सकते थे।  यानि  यहाँ भी जीवन मशीन  की तरह चल रहा था ,यही सब करते हुए जीवन कट रहा था कि 

मीनू के पति की मृत्यु हो गई ,अब तो मीनू के जीवन में भूचाल ही आ गया।  अभी तक मन मारकर जी रही थी। लेकिन अब तो जीने की वजह ही नहीं रही।  


पति की चिता जली लेकिन मीनू के सपने, रंग ,खुशियां उसमे जल गई। रह गई केवल मासूम सी मीनू ,जो अब दुनिया की नज़र में जीवित थी लेकिन वह मर चुकी थी।  औरत बनकर भावनाओ को कभी न कह पाने का दर्द लेकर उसको जीना था।  

ये थी मीनू की दर्द भरी कहानी ,जिसको सुनकर किसी की भी आँखे भर आएंगी।  

मैं आशा करती हूँ कि आपको यह कहानी जरूर पसंद आएगी। अगर कहानी पसंद आई हो तो मुझे COMMENT करे। 

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धन्यवाद। 

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